Tuesday, May 20, 2008

``````~~~~~LIKHTA~~~~~````````

लिखता मे नहीं लिखता समय है
मेरी लेखनी उसी की गुलाम है
हर ख़ुशी हर चोट
हर पल नया अह्साश है
उसी के शब्द
उसी की कलम
यह तो उसी के पास है
मे नहीं रहूँगा पर
यह रहेगी सच है
सच कहा की समय
कभी रुकता नहीं
समय कभी रुकता नहीं
[पवन अरोड़ा ]

1 comment:

ramsinghashiya said...

tu pavan hai ,tu hava hai !
jiski lambai or sodayi kaha hai !!
mere dil me jo teri jagah hai !
aaj vo hi sabut or gavah hai !!