pawan arora~%~:
यह पथ जो धुन्दला है
क्या इस पथ पर चलेंगी
यह पथ जो अग्नी परीक्षा है
क्या तुम इस परीक्षा
मे मेरा साथ
दोगीमेरी चाहत
तमनाये जुडी हुई है
तुम उस चाहत व्
तमानाये कि तस्वीर हो
मे इस पथ पर
तुम्हे साथ ले कर चलना चाहता हूँ
क्या तुम भी चलोगी
यह पथ एक मंजिल की तलाश मे है
और मुझे उस मंजिल पर पहुचना है
तुम्हे लेकर बताओ चलोगी
मे अपना अस्तित्व अपनी पहचान ढूंड रहा हूँ
जो इस पथ पर चलने पर मिलेगी
मे उस मंजिल कि तलाश मे हूँ
जो इस पथ पर अंत मे है
और वह मंजिल है एक घर
मे उस घर मे तुम्हे अपने साथ देखना चाहता हूँ
क्या तुम भी ........???
~~~~पवन अरोडा~~~~
2 comments:
अरोडा जी, बहुत खूब. शुक्रिया आपका. लिखते रहिये.
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उल्टा तीर
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khubsurat ehsaas.......
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