Tuesday, March 3, 2009

~~~भगवान~~~


~~~भगवान~~~
मुखोटे लगाए चहेरे पर
इंसान बना हैवान
खुद को बताता भगवान
वाह रे इंसान
तुने तो नहीं बख्शा भगवान
जिसका मानव जीवन लिया वरदान
उसी का कर लिया तुने रूप धान
मानवता का पाट छोड़ जगाता
अन्दर बैह्टा हैवान
धर्म के नाम पर आज खोली दुकान
जहर उगलता सापो जैसी
खुद को कहता भगवान
यह कैसा आज का इंसान
धर्मो को बाँट पर खुद करता ठाट
आलिशानो मे खेलता शतरंज
मोहरे बनते धर्म के नाम इंसान
कट मरते एक दुसरे से
यह समझता अपनी शान
यह कैसा इंसान
~~~~पवन अरोडा~~~~