तुझसे दूर नहीं पर तेरे पास नहीं
जो मुझे क्या वह तुझे अहसास नहीं
खुद से क्यूँ हारने लगा हूँ मै
क्या तुझे खो जाने का अभास तो नहीं
जीना है मुझे संग तेरे
क्या तेरे पास एक पल का साथ नहीं
खींचती है मुझे तेरी चाहत की खुशबू
क्या तुम मेरे जज्बात ख्य्लात तो नहीं
________पवन अरोड़ा_________
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