हर मूरत
हर सूरत
तू ही तू
हर घडी
हर पल
तू ही तू
हर ख्याल
हर जज्बात
तू ही तू
हर दिन
हर शाम
तू ही तू
हर सांस
हर धड़कन
तू ही तू
हर शब्द
हर लफ्ज
तू ही तू
हर अहसास
हर ख़ुशी
तू ही तू
हर राह
हर मंजिल
तू ही तू
हर ख़ामोशी
हर ठहराव
तू ही तू
मैं जिस्म
तू रूह
तू ही तू
-पवन अरोड़ा-
1 comment:
क्या बात है पवन जी.. बहुत अच्छा .. अच्छा लीखा है ... दिल को छु लिया ...
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