Thursday, January 8, 2009


~~~नारी~~~
जिन्दगी एक बहता पानी
अजीब है इसकी कहानी
छोटे थे सुनते थे कहानी
नानी कि जबानी
अब नारी मोर्डेन हो गई
किटी पार्टी मे खो गई
मुहं मे सिगरट
हाथो मे गिलास
क्या नहीं है नारी के पास
वाह नारी कितनी रंगीन हो गई
सुबह मिलती रातों मे खो गई
जिन्दगी एक बहता पानी
अजीब है इसकी कहानी
~~~~पवन अरोडा~~~~

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