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जब इंसान समय से और इश्वर से ...दिल से आत्मा से ...रिश्तो से खुद से वक़्त के हातो लड़ता है और उसे कुछ नहीं प्राप्त या जो वह चाहता है प्राप्त नहीं होता तो वह किसी को ना दोष दे या अपने नसीबो को या जिस से हम सब मांगते है उस को छोड़ भागने लगाता है ...शब्दों को दिल को लिख डाला कि क्या स्थिति है .....
-----------#~~~~देवता ~इश्वर ~देव~~~~#------------
मैने चिरकाल तक आपकी पूजा की है
किन्तु मे तुम्हारे आगे वरदान का प्राथी नहीं हूँ
मैने घोर कलेश और यातना सहकर पूजा की और
अब मुझमे दर्शन करने का भी उतसाह नहीं
पूजा करते करते मेरा शरीर जर्जर हो गया
अब मुझमे तुम्हारे वरदान का भर सहने की शमता नहीं
मैने आप को अपनी आराधना से प्रसन भर किया
अब अत्यंत जर्जर हो गया और कुछ चाहता नहीं
किन्तु पुरवाभ्स के कारण अब भी आराधना किये जा रहा हूँ
~~~~~~````पवन अरोडा````~~~~~~
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